क्या आप जानना चाहते हैं कि 2025 में मुंबई में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा कब और कहाँ से निकलेगी? जानिए इस धार्मिक यात्रा की तारीख, रूट और दर्शन से जुड़ी सभी ज़रूरी बातें।
मुंबई की जगन्नाथ रथ यात्रा भक्ति, उत्साह और सांस्कृतिक विविधता का सुंदर संगम है। इस यात्रा में रथ को श्रद्धालु खींचते हैं, भजन-कीर्तन होता है और सड़कों पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जिससे माहौल भक्तिमय हो जाता है।
मुंबई अपनी सांस्कृतिक विविधता और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ हर त्योहार पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इन्हीं त्योहारों में से एक है – जगन्नाथ रथ यात्रा, जो भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित होती है। हालाँकि यह यात्रा सबसे भव्य रूप से पुरी, ओडिशा में आयोजित होती है, लेकिन मुंबई जैसे महानगर में भी यह पर्व पूरी श्रद्धा, जोश और सांस्कृतिक गरिमा के साथ मनाया जाता है। जब भगवान जगन्नाथ का रथ मुंबई की सड़कों पर निकलता है तो शहर का माहौल भक्ति और उत्साह से भर जाता है। यह आयोजन न केवल भगवान के प्रति आस्था को प्रकट करता है, बल्कि मुंबई जैसे तेज़ रफ्तार शहर को भी भक्ति के रंग में रंग देता है।
इस वर्ष मुंबई की जगन्नाथ रथ 27 जून से शुरू होकर 5 जुलाई 2025 (शनिवार) तक चलेगी। यात्रा की शुरुआत दोपहर 12:30 बजे भव्य राजभोग आरती से होगी। इसके पश्चात भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की दिव्य प्रतिमाओं के साथ रथ यात्रा BSM स्कूल, शास्त्री नगर से आरंभ होगी।
पुरी और मुंबई दोनों जगहों पर जगन्नाथ रथ यात्रा बड़ी श्रद्धा से मनाई जाती है, लेकिन इनके स्वरूप में कुछ प्रमुख अंतर हैं। पुरी की रथ यात्रा भारत की सबसे प्राचीन धार्मिक परंपराओं में से एक है, जो हजारों वर्षों से मनाई जा रही है। इसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए हर साल नए विशाल लकड़ी के रथ बनाए जाते हैं, जो श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। इस भव्य यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
मुंबई की रथ यात्रा पुरी से प्रेरित एक नई पहल है, जो ISKCON जुहू द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें तीनों देवताओं की प्रतिमाएं एक ही रथ पर विराजमान होती हैं और यात्रा तय रूट से होकर ISKCON मंदिर तक जाती है। यह आयोजन महानगरीय जीवन के बीच भक्तों को सेवा, एकता और भक्ति से जोड़ने का कार्य करता है।
मुंबई में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत ISKCON जुहू द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य महानगर के लोगों को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भक्ति से जोड़ना था। यह आयोजन पुरी की ऐतिहासिक रथ यात्रा से प्रेरित होकर शुरू हुआ, ताकि उन भक्तों को भी यह अनुभव मिल सके जो पुरी नहीं जा सकते। आइए जानते हैं इसकी प्रमुख विशेषताओं के बारे में-
मुंबई में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी, जब ISKCON (इस्कॉन) ने इस भव्य परंपरा को महानगर में आरंभ किया। इसकी प्रेरणा पुरी की ऐतिहासिक रथ यात्रा से ली गई। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भक्ति को मुंबई के लोगों तक पहुँचाना और सभी में भक्ति, सेवा और आध्यात्मिकता की भावना को बढ़ाना है। आज यह यात्रा मुंबई की एक प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा बन चुकी है, जिसमें हर साल हजारों लोग भाग लेते हैं।
मुंबई की जगन्नाथ रथ यात्रा में भक्तों को एक सुखद और भक्तिपूर्ण अनुभव देने के लिए कई तरह की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। महाप्रसाद और सेवाओं से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार हैं -
महाप्रसाद की व्यवस्था - मुंबई की जगन्नाथ रथ यात्रा के अंत में भक्तों के लिए महाप्रसाद की विशेष व्यवस्था की जाती है। यह प्रसाद शुद्ध, सात्विक और पूर्ण श्रद्धा के साथ तैयार किया जाता है, ताकि हर भक्त को भक्ति और संतोष का अनुभव हो। महाप्रसाद का वितरण मुख्य रूप से ISKCON जुहू मंदिर और अन्य आयोजन स्थलों पर किया जाता है, जहाँ हजारों श्रद्धालु इसे ग्रहण कर ईश्वर की कृपा का अनुभव करते हैं।
भक्तों के लिए सुविधाएँ - मुंबई की रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है। मार्ग में पेयजल, भंडारे, प्राथमिक चिकित्सा, एम्बुलेंस और मोबाइल टॉयलेट्स की व्यवस्था होती है। विश्राम के लिए टेंट और छाया की सुविधा उपलब्ध रहती है। सुरक्षा व भीड़ नियंत्रण के लिए मुंबई पुलिस और स्वयंसेवक तैनात रहते हैं। यह आयोजन भक्ति के साथ सेवा और समर्पण की भावना को भी दर्शाता है।
जैसा कि हमने आपको बताया कि लगभग सभी जगह जगन्नाथ यात्रा 27 जून से ही आरंभ हो रही है। आयोजन की शुरुआत दोपहर 12:30 बजे दिव्य राजभोग आरती से होगी, जिसके उपरांत भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा आरंभ होगी। यह रथ यात्रा BSM स्कूल, शास्त्री नगर से प्रारंभ होकर जुहू-वर्सोवा लिंक रोड, लोकांडवाला मार्केट और फोर बंगलो होते हुए शाम 7:00 बजे ISKCON जुहू मंदिर में महा आरती के साथ सम्पन्न होगी।
पुरी की रथ यात्रा जहाँ अपनी ऐतिहासिक भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए विश्वविख्यात है, वहीं मुंबई की रथ यात्रा भी भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक एकता का मजबूत प्रतीक बन गई है। यह आयोजन भगवान जगन्नाथ के भक्तों को एकत्र कर, उनके आशीर्वाद से शहर में भक्ति, सेवा और एकता की भावना को सुदृढ़ करता है। हर वर्ष यह यात्रा भक्तों के लिए भगवान के सान्निध्य और आशीर्वाद पाने का एक पावन अवसर बन जाती है।
Did you like this article?